बाप
सत्यनारायण की कथा
पढ़ते थे
बेटा
सत्यकथा
पढ़ रहे हैं
हम
"सुनहरे कल की ओर"
बढ़ रहे हैं.
कवि
यह सुनकर
खुश होते हैं
कि
दीवारों के भी
कान होते हैं.