ढाई घर
व्यंग्य है ऐसी विधा, ज्यों छुरी की धार सीने में सीधे उतर, करे ढाई घर मार

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मेरे बारे में

मेरे बारे में
#- जन्मस्थान : पिपरिया # - शिक्षा : पिपरिया और जबलपुर # - लेखन : व्यंग्य, क्षणिका, कविता, लघुकथा ,लेख # - मुख्य विधा : व्यंग्य #- प्रकाशन : स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में व्यंग्य, क्षणिका, कविता, लघुकथा , लेख और कार्टून का निरंतर प्रकाशन # - पूर्व सह-संपादक : दैनिक भास्कर, भोपाल # - संपादक : "भावभूमि" साहित्यिक त्रैमासिकी # - संपादन : "भावभूमि". "स्वर्ण-पताका" # - सह लेखक : "आशीर्वाद शक्ति" # - सम्मान : * "साहित्यालंकार" उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त. * "व्यंग्यश्री" शिव साहित्य परिषद्, होशंगाबाद द्वारा. * पत्रकार विकास मंच, जबलपुर द्वारा साहित्यिक अवदान हेतु सम्मानित किया गया.
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